बहुत है..
जिनकी झलक मे करार बहुत है..
उसका मिलना दुशवार बहुत है..
जो मेरे हांथों की लकीरों मे नहीं..
उस से हमें प्यार बहुत है..
जिस को मेरे दिल का रास्ता भी नहीं मलूम..
इन धडकनों को उसका इंतेज़ार बहुत है..
येह हो नही सकता कि वो हमे भुला दे..
क्या करें हमे उसपे एतबार बहुत है..
No comments:
Post a Comment